भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। इस बार यह चतुर्थी 2 सितंबर दिन सोमवार को है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय हैं इसलिए उनकी पूजा में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात का ध्यान रखा जाता है। गणेशजी का यह जन्मोत्सव चतुर्थी तिथि से लेकर दस दिनों तक चलता है। इसलिए गणपति की पूजा में आपको इन 6 चीजों से बचना होगा। ये छोटी-छोटी गलती आपको बहुत बड़ा नुकसान करवा सकती हैं।
- गणपित के पीठ के दर्शन ना करें
भगवान गणेश की पीठ के दर्शन कभी नहीं करने चाहिए। पुराणों में बताया गया है कि भगवान गणेश के शरीर पर ब्रह्मांड के सभी अंग निवास करते हैं। उनकी पीठ पर दरिद्रता का वास है, जो भी पीठ के दर्शन करता है तो दरिद्रता का प्रभाव बढ़ जाता है। अगर जाने-अनजाने ऐसा हो जाए तो भगवान से तुरंत क्षमा मांगनी चाहिए और उनकी पूजा कर प्रसन्न करना चाहिए।
- गणपति की ऐसी प्रतिमा देगी फल
बाईं ओर सूंढ वाली गणेशजी की प्रतिमा अधिक शुभ होती है। घर में ऐसी ही गणपति की प्रतिमा को स्थापित करके पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसी सूंढ़ वाले गणपति जल्दी प्रसन्न होकर फल प्रदान करते हैं। दायीं ओर सूंढ वाले गणपति की पूजा का फल देर से मिलता है। इसलिए गृहस्थों को बाईं ओर सूंढ़ वाली गणपति की पूजा करनी चाहिए।
- इसलिए केवल एक गणपति की प्रतिमा रखें
गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की नई प्रतिमा ला रहे हैं और उसे घर में रखने की सोच रहे हैं तो घर में मौजूदी गणेशजी की पुरानी प्रतिमा को विसर्जित कर दें। दो गणपति प्रतिमा पूजा घर में एक साथ नहीं होना चाहिए। इससे फल प्राप्ति में बाधा आती है। वास्तु विज्ञान के अनुसार पूजा घर में केवल एक गणपति प्रतिमा रखनी चाहिए।
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